Asharfi Lal Mishra |
© कवि :अशर्फी लाल मिश्र , अकबरपुर , कानपुर
कभी सत्ता मिलती आसानी से,
कभी सत्ता मिलती आसानी से,
कभी सत्ता छीनी जाती है।
राजतन्त्र में खून खराबा ,
जनतंत्र में आंकड़े बाजी है।
सत्ता का लोभ सदा सर्वोपरि ,
धुर विरोधी गले से मिलते दिखे।
आजादी का ढिंढोरा पीटने वाले ,
सत्ता के लिए बंधक होते दिखे।
न कोई सेक्युलर न कोई वादी ,
सभी सत्ता के लिए गले से मिलते दिखे।
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