मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

नीति के दोहे मुक्तक

 रचनाकार एवं लेखक : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर

अशर्फी लाल मिश्र (1943----)







कुछ हों दरिद्री धन से, कुछ वाणी से जान।

दोनों होंय एक साथ, जीवन नरक समान।।


एक  हाथ ताली  नहीं, दूजे  की  दरकार।

संभाषण सम भाव में, भाव रहित बेकार।।

रचनाकार एवं लेखक : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।©

शुक्रवार, 3 अक्टूबर 2025

नीति के दोहे मुक्तक

 लेखक : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।

अशर्फी लाल मिश्र (1943------)

मनहि  हारे  हार मीत, मन के जीते जीत।

रक्त चाप सदा हि बढ़े, मन के हारे मीत।।

लेखक एवं रचनाकार : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।©

नीति के दोहे मुक्तक

  रचनाकार एवं लेखक : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर अशर्फी लाल मिश्र (1943----) कुछ हों दरिद्री धन से, कुछ वाणी से जान। दोनों होंय एक साथ...