--अशर्फी लाल मिश्र
अशर्फी लाल मिश्र |
जागो जागो धरा सपूतो,
तू मानवता पुजारी बन जाये।
हिंसा पर अहिंसा विजयी हो,
ऐसे दिग्विजयी तू बन जाये ।।
जो कोई दिखे दिग्भ्रमित,
अहिंसा संदेश देता जाये।
मानवता सदा उर में रखकर,
मानवता पुजारी तू बन जाये।।
धधके ज्वाला आतंक कहीं,
तू अहिंसा मेघ बन जाये।
इतना बरसो झूम के बरसो,
आतंकी ज्वाला ठंडी हो जाये।।
-- लेखक एवं रचनाकार: अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।©
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