मंगलवार, 7 जनवरी 2020

नीति के दोहे मुक्तक


Asharfi Lal Mishra 











मशीन

कलयुग में कल की धूम ,कल से होते काम। 
कल से जाए संदेशा  , कल से निकलें दाम।।
 
काला धन 

काले धन से खुल रहे , राजनीति के द्वार। 
जनता को गुमराह कर , चाह सदन दरबार।। 

© कवि : अशर्फी लाल मिश्र ,अकबरपुर ,कानपुर। 

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