बुधवार, 25 सितंबर 2019

अमीरी का परदा

© अशर्फी लाल मिश्र ,अकबरपुर ,कानपुर *
पायजामा     चमाचम ,
कुर्ता             चमाचम .
अमीरी     का      परदा ,
पड़ा      था   तन     पर .
लोग     लिपटे        रहे ,
मधुमक्खियों की तरह .
परदा       हटा       जब,
गरीबी   से   था     अब .
लोग    खिसकते   गये ,
भोर   के  तारों की तरह .
गरीबी       को         पा ,
हम      सिसकते     रहे .
आँसुओं     को      लेकर
हम          पीते        रहे .

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