सोमवार, 16 अक्तूबर 2023

दोहे राजनीति पर

 -- लेखक : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।

अशर्फी लाल मिश्र (1943----)







राजनीति शतरंज सी ,जिसमे रहती घात।

कोई दे शह किसी को, कोई  करता मात।।


आज नहि समाज सेवा,नाही दिखता  त्याग।

हर  कोइ  गुमराह   करे, पद को भागम भाग।।


वोट  चाहें  जनता का, लालच   देंय  अनेक।

वादा  मुफ्त रिवड़ी का, टका   न  लागे  एक।।


जातिवाद  मुखर  होये , जब जब होय चुनाव।

निर्धन की नहि बात हो , ढूंढे    जातिय   नाव।।


लेखक : अशर्फी लाल मिश्र, अकबरपुर, कानपुर।©



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